Call for Emergency
Online Schedule
दिल से जुड़ी बीमारियां भारत सहित विश्व के अधिंकांश देशों में मौत का सबसे प्रमुख कारण है। विश्व में होने वाले कुल एक चौथाई हिस्सा ह्रदय रोग से सम्बंधित होता है। दिल की बीमारी , हाइपरटेंसन एवं डाइबिटीज़ को जीवनशैली से सम्बंधित माना जाता है और हमारे देश में गलत जीवनशैली अपनाने के कारण ये रोग दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे है।
भारत में शायद ही ऐसा कोई परिवार हो जहाँ इस रोग के रोगी नहीं हो. परन्तु लोगों में इन बिमारियों के प्रति जागरूकता का उतना ही अभाव है। लोगों को इन बिमारियों के कारण न केवल उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक एवं आर्थिक तौर पर भी नुकसान पहुँच रहा है। पश्चिमी देशो में 80 के दशक में गलत जीवनशैली के कारण दिल की बिमारियों ने महामारी का रूप धारण कर लिया था लेकिन अपने जीवनशैली में बदलाव कर उन देशों में पिछले करीब 30 सालों में दिल के रोगों में करीब 50 % तक की कमी आ चुकी है , जबकि भारत में इसके विपरीत इसी अवधि में दिल के रोगियों की संख्या 40 %से अधिक बढ़ चुकी हैं।
दिल के रोगों के होने के कारणों को यदि समय पर पहचान कर कण्ट्रोल किया जाये तो हम इससे बच सकते हैं। इसके लिए हमें संतुलित आहार का सेवन , मोटापा कम करना, नियमित व्यायाम , धूम्रपान एवं अल्कोहल सहित किसी तरह के नशे से बचना आदि उपाय शामिल करने होंगे। दिल की बीमारियां , हइपरटेंसन एवं डाइबिटीज़ के रोकथाम के लिए दिए गए उपाय प्रभावी हो सकते हैं।
ऑर्किड के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ फरहान शिकोह से बातचीत में उन्होने बताया की हार्ट अटैक की वजह से बहुत सारे लोगों को अपनी ज़िंदगी से हाथ धोना पड़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल होने वाली 28 फीसदी मौतों का कारण हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियां हैं ।
यही आंकड़े इस बीमारी की भयावह स्थिति को बयां करने के लिए काफी है , लेकिन फिर भी यह काफी दुर्भाग्य की बात है की बहुत सारे लोग इसकी पूरी जानकारी से अनजान हैं। स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर हम सिर्फ दिल की बिमारियों से बच सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली के लिए कुछ सावधानियां हैं जिसे अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं ।
प्रश्न : हार्ट अटैक क्या है ?
उत्तर : ह्रदय के मस्सल में खून की सप्लाई बंद हो जाने या रूक जाने से ह्रदय के मस्सल की मृत्यु हो जाती है जिसकी वजह से ह्रदय में ब्लॉकेज हो जाता है। जिससे की दिल का दौड़ा पड़ता है।
प्रश्न : दिल का दौड़ा किन लोगों में अधिक होता है ?
उत्तर
1 . डाइबिटीज़ के मरीज़ में
2. हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़
3. हाई कोलेस्ट्रॉल वाले मरीज़
4 . ओबेसिटी (मोटापा )
5. तम्बाकू का सेवन करने वाले लोग
6. स्ट्रेस में रहने वाले लोग
7 . जिनके जीवन में फिजिकल एक्टिविटी की कमी हो
8 . फॅमिली हिस्ट्री
प्रश्न :हार्ट अटैक कितने प्रकार का होता है?
उत्तर
कोरोनरी धमनी रोग: जिसे कोरोनरी हृदय रोग या हृदय (Heart) रोग भी कहा जाता है, हृदय रोगों में बेहद आम बात है।
रूमेटिक ह्रदय रोग: यह बीमारी रुमैटिक फीवर से जुडी हुई है।
जन्मजात हृदय रोग: यह रोग जन्म के समय हृदय की संरचना की खराबी के कारण होती है।
प्रश्न :लक्षण
उत्तर
1 . छाती में दर्द
इसके अलावा
2. दोनों हाथों में दर्द
3 . गले में दर्द होना
4 . जबड़े के निचले हिस्से में दर्द होना
5 . नाभी के ऊपर तक पेट में दर्द होना
6 . तेज़ पसीना आना
7 . सांस लेने में तकलीफ होना
8 . घबराहट होना
9 . चक्कर होना
हार्ट अटैक के इनमे से कोई भी लक्षण होने पर अपने नज़दीकी अस्पताल में और ह्रदय का ईसीजी करवाएं
लक्षण को इग्नोर न करें।
प्रश्न :हार्ट अटैक से कैसे बचें ?
उत्तर :रेगुलर एक्सरसाइज की आदत डालें। (लगभग 30 मिनट )
खाने पीने में ताली हुई चीज़ जैसे रेड मात्र , घी , मक्खन इत्यादि का प्रयोग कम से कम करें
ताज़े फल , सलाद एवं हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।
स्मोकिंग या तम्बाकू का सेवन कम करें
ब्लड शुगर , ब्लड प्रेशर नियमित अंतराल पर चेक करवाएं।बीपी 140 /90 से कम रखें खली पेट शुगर 130 से कम रखें।
कोरोनरी एंजियोग्राफी -यानि ह्रदय में मौजूद ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है
एंजियोप्लास्टी- इसके बाद ब्लॉकेज की जगह स्टेंट डालकर ब्लॉकेज को हटाया जाता है। ताकि ब्लड का फ्लो वापस ठीक हो सके।
Temporary & Permanent Pacemaker
ICD Implantation
Renal Angiography & Renal Angioplasty
CRT Implantation
ECG
Echocardiography
Treadmill Testing
Holter Monitoring
अपने हेल्थ की नियमित जांच कराएं – बिमारियों से बचने के लिए नियमित टेस्टिंग जरूरी है। 8 वर्ष की आयु से प्रत्येक दो साल पर बीपी की स्क्रीनिंग होनी चाहिए। इसी तरह कोलेस्ट्रॉल की स्क्रीनिंग 20 की उम्र से शुरू करनी चाहिए। जिसे हर 4 -6 वर्ष पर चेक करवाते रहना चाहिए।
इसी तरह मधुमेह की स्क्रीनिंग 45 वर्ष से शुरू करना चाहिए। जिसे हर तीसरे साल पर चेक करवाते रहना चाहिए लेकिन यदि आप के परिवार में किसी को यह रोग हो या आपका वजन अधिक हो तो आप पहले ही स्क्रीनिंग करा लें इस तरह स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम कई तरह की गंभीर रोगों से बच सकते हैं। जैसी दिल के गंभीर रोग , हइपेरटेन्सन आदि। यदि आपको इनमें से कोई समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवाएं लेना शुरू कर दे ।
भरपूर नींद लेने की कोशिश करें : नींद में कमी होने पर शरीर दिनभर थका रहता है जिससे हमारी कार्य क्षमता घटती है। नींद में कमी होने पर मोटापा , हाई बीपी दिल की बीमारी , तनाव आदि का जोखिम बढ़ जाता है। सभी व्यक्तियों को रोज रात में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए ।
तनाव को मैनेज करें : हमारे शरीर पर तनाव का नेगेटिव प्रभाव पड़ता है जिससे दिल की बिमारियों , बीपी आदि का खतरा बढ़ जाता है। तनावग्रस्त लोग खाने के प्रति लापरवाह हो जाते है और उदासी के कारण अधिक मात्रा में खाना पीना या नशा करने लगते हैं , इसलिए जरूरी है की शारीरिक गतिविधि , योग व् ध्यान आदि से तनाव को मैनेज करके स्वास्थ्य को सुधारा जाए ।
MBBS,MD,DM (Cardiology)
Consultant Interventional Cardiologist
2.Dr. Ekam Kumar
MBBS, MD (Medicine), SR(Ram Manohar Lohia Hospital,New Delhi)
Consultant internal Medicine
Dr. Shanti Mala
MBBS,PGDCC
Consultant (Non Interventional)